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द गर्ल इन रूम 105

"वो ज़ारा की फैमिली का हिस्सा है। वैसे भी, वो मुझसे मिलेगा नहीं।"


"यही अच्छा है। मैं चाहता हूं कि अब कैसे भी यह मर्डर केस हमारा पिंड छोड़े।' "तो क्या करें? ऊबे हुए स्टूडेंट्स को एक ऐसा एंट्रेंस एग्ज़ाम चैक करना सिखाएं, जिसमें वो कभी कामयाब

नहीं हो सकते?' "ये हमारा जॉब है, भाई।'

मैंने ओपो फोन उठाया और सिकंदर का नंबर फिर से डायल किया। उसने तीन बार कॉल करने के बाद फोन उठाया।

"मैंने कहा कि मुझे आपसे नहीं मिलना है। अब मुझे फिर से फ़ोन मत लगाना, सिकंदर ने कहा।

दूं, मैंने कहा

"रिलैक्स, मैंने कहा और कॉल पर लौट गया:-

'आर यू देयर, सिकंदर?"

"हा"

'तब मेरे पास केवल यही ऑप्शन रह जाएगा कि मुझे जारा के घर से जो भी चीजें मिली हैं, उन्हें पुलिस को सिकंदर चुप हो गया। सौरभ जोर-जोर से हाथ हिलाने लगा। मैंने फ़ोन को म्युट करके कहा, 'क्या है?" "तुम क्या उसको धमकी दे रहे हो? एक टेररिस्ट को सौरभ ने घबराहट भरी आवाज़ में कहा।

• सिकंदर, मेरी ना तो पुलिस के पास जाने में कोई दिलचस्पी है, ना ही तुम क्या काम करते हो, यह जानने में। मैं केवल यही जानना चाहता हूं कि जारा को किसने मारा है।' 'आपको क्या लगता है, मैं अपनी आपा को मार सकता हूँ? वो जो मेरे लिए इतना मायने रखती थीं? ‘मैंने ये तो नहीं कहा। मैं केवल तुमसे मिलना चाहता हूँ। हम उसके पिता से भी मिल चुके हैं।' "हम ? आपके साथ और कौन है?"

'मेरा बेस्ट फ्रेंड, सौरभा प्लीज, मेरा नाम मत बताओ,' सौरभ ने जोर से चिल्लाते हुए कहा, जिस पर मुझे फिर उसका मुंह दबा

देना पड़ा।

पहाड़गंज किसी भी वीडियो गेम के लिए परफेक्ट सेटिंग साबित हो सकता था। यहां पर यह चैलेंज हो सकता था

कि आप इसकी गलियों से बिना चोट खाए कैसे गुजर सकते हैं। गौरभ और में ऑटो रिक्शा, साइकिल रिक्शा,

गायों, गधों, मोटर साइकिलों, खोमचे वालों और हज़ारों पैदल चलने वाले लोगों से बचते-बचाते उसकी संकरी

गलियों में अपना रास्ता तलाश रहे थे। आखिरकार हम अपनी मंजिल पर पहुंच ही गए। यह क़दम शरीफ दरगाह

और शिव मंदिर के बीच नेमचंद पकौड़ा दुकान थी, एक गैरइरादतन सेकुलर लोकेशन। हल्का हरा पठानी सूट पहने सिकदर पहले ही दुकान पर मौजूद था। उसने हल्की दाढ़ी उगा रखी थी. शायद उम्रदराज दिखने के लिए। वह दुकान पर आने वाले हर ग्राहक को बहुत गौर से देख रहा था और इधर-उधर टहल

रहा था।

उसने अभी तक हम पर ध्यान नहीं दिया था।

"भाई, हम अभी भी लौटकर जा सकते हैं,' सौरभ ने कहा 'हो सकता है उसने कुर्ते में गन छुपा रखी हो और "लेकिन वो हमें क्यों मारेगा?'

बो हमें मार दे।'

किसी भी बात पर उसका दिमाग़ ख़राब हो सकता है। जैसे कि यहीं कि हमने उसके पकौड़ों के लिए चटनी

नहीं बचाई।'

"चटनी?" 'हम यहां पकौड़े खाएंगे ना? इस जगह के पकौड़े बहुत फेमस हैं।

"मैं अंदर जा रहा हूं, मैंने कहा

'

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